Sunday 10 June 2012

कुछ भी अच्छा होते हुए देखता हूँ तो ख़ुशी के चार आंसू आ जाते हैं... इनमें दो अपनी भूमिका न होने के कारण भी होते हैं..

2 comments:

  1. दिन कटते नहीं , टपक जाते हैं
    वर्ष बीतते नहीं, झर जाते हैं

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